जब दिल की बातों में खामोशी आ जाए,
तो उस खामोशी में तुम खो जाना मत।
उसकी तस्वीर यादों में आ जाए अगर,
तो उन लम्हों में फिर से मुस्कुराना मत।
दर्द हो चाहे जितना भी गहरा,
खुद को तुम कमजोर दिखाना मत।
एक वादा और करना खुद से तुम,
कि…. जो बीत गया उसके साथ बिताया वक्त,
ख़ुदा ना करें ऐसा दिन भी आए जिंदगी में तुम्हारी
कि …
वापिस आ भी जाए वो अगर खुदा कसम उसे फिर से अपनाना मत।।
संदीप 421